50 की उम्र में पूरा किया पेजेंट जीतने का सपना

भारत में पहली बार कॉर्डेलिया क्रूज पर हुआ ब्यूटी पेजेंट, 2000 प्रतिभागियों के बीच जोधपुर की हर्षा ने जीता मिसेज काम्पेशनेट का टाइटल
जोधपुर. ज्यादातर लोग 50 साल के बाद सोचते हैं कि जिंदगी में बहुत काम कर लिया और अब रिटायरमेंट लेकर आराम करना है लेकिन कई लोग इस उम्र में अपने सपने पूरे करने निकलते हैं। उनका मानना है कि यह बैठने का नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का मौका और नया करने का मौका है। ऐसी ही सोच के साथ 51 साल की टैरोकार्ड रीडर, वास्तु एक्सपर्ट और हेल्थ कोच हर्षा दरवानी ने पहली बार किसी ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लेने का सोचा और दो हजार प्रतिभागियों के बीच मिसेज काम्पेशनेट का टाइटल अपने नाम किया।
उन्होंने बताया, नारी फर्स्ट की ओर से भारत में पहली बार कॉर्डेलिया क्रूज पर हुए ब्यूटी पेजेंट में देश भर से 2000 प्रतिभागियों ने एंट्री भेजी थी जिसमें से भारत के 130 प्रतिभागी फिनाले के लिए शॉर्ट लिस्ट हुए। बॉलीवुड के जाने-माने कोरियोग्राफर संदीप सोपारकर ने वर्कशॉप में कोरियोग्राफी सिखाई तो मानुषी छिल्लर जैसी शख्सियत की कोच रहीं डॉ. रीता गंगवानी ने तीन महीने की ऑनलाइन वर्कशॉप लेकर प्रतिभागियों की ग्रूमिंग की। जजिंग पहली फीमेल म्यू​जिशियन शिबानी कश्यप, बॉलीवुड एक्ट्रेस मल्लिका अरोड़ा और मिसेज मलेशिया रहीं याशीना राग ने की।
हर्षा ने बताया, मैंने ऑनलाइन फॉर्म तो भर दिया था लेकिन यह इतना आसान नहीं रहा। फिनाले से करीब 15 दिन पहले मेरे पति की त​बीयत ज्यादा खराब हो गई और ऐसी स्थिति में मैं अपना नाम फिनाले से वापस ले रही थी पर बच्चों ने समझाया। कहा, इतने सालों में पहली बार अपने बचपन का सपना पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया है तो आगे बढ़ना चाहिए। पापा की देखभाल के लिए हम सब हैं ना। पति ने भी पूरा सपोर्ट किया तो मैं फिनाले में रैंप तक पहुंच पाई।
तीन राउंड के इस फिनाले में एक राउंड एक्ट पर था। सब वहां सिंगिंग, स्टेंडअप कॉमेडी और डांस कर रहे थे लेकिन मैंने दो मिनट का एक एक्ट किया। इस एक्ट में हर्षा ने उस पत्नी की पीड़ा दिखाई जिसे पति की मृत्यु के बाद परिवार ने अकेला छोड़ दिया। इसमें एक्सप्रेशन और दिल के निकले डायलॉग जजेज को भी पसंद आए। हर्षा ने बताया कि हाल ही में मैंने एक्टिंग क्लास ज्वाइन की थी तो वह तैयारी काम आई। आयोजकों ने अब मुझे इंटरनेशनल लेवल पर हो रहे पेजेंट में हिस्सा लेने के लिए इनवाइट किया है।
पति की देखभाल, टैरो रीडिंग और हेल्थ कोचिंग के बीच पेजेंट की तैयारी का समय कैसे निकाला, पूछने पर वे बताती हैं कि यह आसान नहीं था। बेटी घर पर डांस क्लास चलाती थीं तो उसी क्लास में मैंने डांस की प्रेक्टिस की। सुबह जल्दी उठकर वर्कआउट करतीं। सब तैयारी खुद ही की। आईने के सामने खड़े होकर मैं जजेज के सवालों का जवाब देने की प्रेक्टिस करतीं। हर्षा ने बताया, इस पेजेंट में हिस्सा लेकर मेरा कांफिडेंस बढ़ गया है। अब मुझे इंटरनेशनल लेवल पर इनवाइट किया है तो अपनी सेहत पर थोड़ा ध्यान देना होगा। मैं ऐसी महिलाओं के ​लिए कुछ करना चाहती हूं जो उम्र के एक पड़ाव के बाद खुद को नियती के प्रति समर्पित कर देती है। उन्हें मैं मैसेज देना चाहती हूं कि बढ़ती उम्र के साथ खुद को और निखारें और खुद के सपने पूरा करने के लिए वक्त कभी कम नहीं होता, उम्र कभी आड़े नहीं आती।

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